मेरी तरफ से सभी देश वाशियो को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक सुभकामनायें ....
Saturday, August 13, 2011
Thursday, June 30, 2011
Friday, May 6, 2011
दो साल के बाद घर जाने का एक सुनहरा मौका मिला मेरे साले साहब की शादी थी ...और घर पे कुछ और भी कुछ जरूरी काम ...बहुत आनंद आया घर पे सभी लोगो से मिलकर ...दिल्ली वापिस आने का दिल ही नहीं कर रहा था ...लेकिन जब दिल्ली वापिस आया जिस जॉब की वजह से वो जॉब तो छुट्टियों की वजह से ही जाती रही ...खैर इन्साल्लाह दूसरी जॉब इससे अच्छी मिलेगी मुझे पूरी उम्मीद है .....
Monday, April 4, 2011
Tuesday, February 8, 2011
कल मेरी तबियत कुछ नासाज थी ..अतः मैंने ऑफिस से छुट्टी ले ली ...लेकिन १० बजे के आस पास तबियत ठीक हो गयी ...मेरा मन घर में नहीं लग रहा था ...सो मैंने एक इंग्लिश लंगुएज ट्रेनर की पोस्ट के लिए साक्छात्कार के लिए तयार हो गया ...लेकिन वो साक्छात्कार कुरुक्छेत्र में होना था ....मुझे इस बात का अंदाजा तो था के ये ही कोई मेरे घर से ज्यदाह से ज्यदाह ३ घंटे का रास्ता होगा ...परन्तु जब मैं घर से १० बजे चला तो ...बदरपुर से मेट्रो लिया और ISBT नयी दिल्ली पहुँचने में ही १२ बज चुके थे ....फिर ऊपर से कुरुक्छेत्र के लिए कोई बस सीधी नहीं मिल रही थी ....और इस तरह से १२ :३० हो चुके थे ...इसी बिच मेरे दिमाग में आया के अगर मैं ४-५ बजे शाम तक कुरुक्छेत्र पहुच भी जाता हूँ तो साक्छात्कार पूरी करते करते ६ तो बज ही जायेगा ...और फिर वापसी में मुझे बहुत परेशानी हो जाएगी ...इसलिए मैंने अपने consultant वीणा को फ़ोन करके इस सम्बन्ध में सूचित कर दिया ....और मैं फिर अपने घर वापिस हो गया ....खैर इस बात का अंदाजा तो लग ही गया है मुझे के हरियाणा के एक छोर से दुसरे छोर तक अगर सफ़र करना है तो एक दिन पूरा भी लगाया जाए तो सफ़िसिएन्ट नहीं है ......और ख़ास कर साक्छात्कार के मामले में तो बिलकुल नहीं ...अतः मैंने telephonic round के लिए अनुरोध तो किया है ...अगर कॉल आ गयी तो ठीक है नहीं तो दिल्ली एन सी आर ही में अच्छा रहेगा स्विच ओवर करना ......और इसी फैसले के साथ आज अपने ऑफिस को आ गया ....
Wednesday, February 2, 2011
चलो अच्छा है अब सर्दी हमें अलविदा करने को तत्पर है इस वादे के साथ की फिर मिलेंगे अगले साल ....आज यह जान कर खुसी हुई के मगही भाषा के उत्थान के लिए भी कुछ लोग अपना योगदान दे रहे है ...और देना भी चाहिए .....वैसे ब्लू लाइन बसों के बंद होने के बाद थोड़ी कठिनाई तो जरूर हो रही है आने जाने में ...क्यों की अभी दिल्ली में डी.टी .सी बसों का अंदरवाले इलाके में आना जाना बहुत कम है ...जैसे - जैतपुर -मीठापुर वाले रूट को ही ले लीजिये .....ऊपर से बदरपुर में फ्लाईओवर बनजाने के बाद भी भयंकर जाम का लग जाना ........देखिये इस नयी मुसीबत से कब दिल्ली वाले उबर पाते है ....सबसे ज्यादा इससे प्रभावित अगर कोई हो रहा है तो आम आदमी ...ऐसा लगता है आम आदमी के बारे में सोंचने वाला इस दौर में बहूत कम लोग बचे है यानी न के बराबर ...अल्लाह जाने इस देश में आगे आम आदमी का क्या होने वाला है ...फिर भी उम्मीद का दामन थाम रखा है हमसब ने ......
Monday, January 24, 2011
जाती हुई ठण्ड ने अपना रंग दिखा ही दिया घर में किसी को जुकाम तो किसी को बुखार तो जैसे आम बात हो गई है ....कल रात को जैसे ही घर पंहुचा तो अरमान को अपने माँ की गोद में देखकर ही माथा ठनक गया ... पुचने पर पता चला के उसको तो बुखार और सर्दी ने जकड लिया है .... खाना खाने के बाद फर्स्ट ऐड की बॉक्स से बुखार की गोली और कुछ दवाईयां मैंने अरमान को खिलाई ... रात को उठकर मैंने चेक किया तो बुखार चला गया था ... लेकिन सुबह फिर बुखार आ गया ... खैर रोशन को ये हिदायत देकर के अगर बुखार फिर बढ़ जाए तो डॉक्टर के पास ले जाना और मैं ऑफिस को आ गया ... कुछ लेट हो चूका हूँ आज मैं ... जाम सड़क पे बहुत हो जाता है आजकल ....
Tuesday, January 11, 2011
चलो अच्छा है ठण्ड का मिजाज कुछ नरम हो गया है ... आज कुछ ठण्ड कम है ....सुबह ही सुबह इस बात का एहसास हो गया था ... जैसे ही कैब वाले का इन्तेजार कर रहा था के सामने से वो आता हुआ दिखाई दिया और मैं बिलकुल समय से पहले ही ऑफिस पहुच चूका हूँ .... वैसे आज बुधवार का दिन है ....और ऑफिस में ढेर सारा काम भी करना है ... वैसे ऑफिस में जल्दी पहुंचना ही सेफ रहता है ... क्योंकि देर से पहुँचने पर सारा काम देर से सुरु होता है ... और ऊपर से बॉस की फटकार सुनाने का खतरा भी बना ही रहता है ... इसलिए मेरी कोशिश हमेशा टाइम से पहले ही पहुँचने की रहती है .... और देखो न ... वैसे आज मेरे बेटे ने कुछ चीजो की फरमाईस नहीं की जाने क्यों ऐसा लगता है के वो मुझ से नाराज है क्यों की सरताज को मैंने आज सुबह सुबह ही मम्मी का कहा न मानने की वजह से, उसके गाल में एक हलकी सी चपत जो लगा दी थी ... जाने फिर उसने नास्ता किया के नहीं ... सायद इसीलिए आज वह मुझसे नाराज है ... पर कोई बात नहीं उसे मनाना भी मुझे आता है और शाम को उसे मैं जरूर मना लूँगा ...
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