Monday, January 9, 2012

कैसे कैसे लोग

धरती पे वैसे तो हर तरह के लोग है ...लेकिन कुछ लोग सिर्फ अपने लिए जीते है और दुसरे को तुच्छ समझते है ...लेकिन साथ ही वे इस कडुए सच को नजरअंदाज करदेते है के अपने लिए अगर कोई जीता है तो वो कुत्ता ज्यादा इंसान कम होता है ...कों की इंसान तो वो है जिसको इस्वर ने सोचने समझने की सकती ज्यादा दी है ...अगर कोई इंसान भी जानवरों की तरह व्यवहार करने लगे तो समझो उसके अन्दर जानवरों के गुण आगये है आदमी के नहीं ... और धीर धीरे वह स्वार्थ ही में इस तरह से डूब जाता हा के एक दिन वह इंसान से जानवर बन जाता है ...लेकिन जब तक वोह होश में आता है तबतक तो बहूत देर हो चुकी होती है ....इसलिए दूसरों के लिए भी जी कर देखो भी असली जिंदगी का मजा मिलेगा और तभी जिंदगी जीने लायेक बन जाती है ....

आपसब को नए साल की बहुत बहुत सुभकामनाये ........

रियाज़ बघकोली