Monday, April 9, 2012

हमारा समाज किस तरफ ?

आज के दौर में हम और हमारा समाज किस तरफ हम सब को ले के जा रहा है , ये एक चिंता का विषय बन कर रह गया है .हर एक चीज की कीमत इस तरह से बढ़ चुकी है के हमारे और आप के पहुच के बहार होती जा रही है .

क्या वोह दिन अब आ गया है जब हंस चुगेगा दाना और कुआ मोती खायेगा ? जी हाँ ऐसा प्रतीत हो रहा हा आज के समाज को देख कर के जो व्यक्ति मेहनत काश है वोह तो हर तरह से परेशान है और जो लोग झूठे मक्कार और बेईम्मान है उनके पास अपार संपत्ति का ढेर होता जा रहा है ?


सवाल सबसे बड़ा यह है के आखिर कब तक .......? आज के दौर में भाई भाई का दुसमन है बाप को अपने बेटे पर भरोसा नहीं है ...और तो और बीवी को अपने सौहर पर और सौहर को अपनी बीवी पर से यकीं उठता जा रहा है ...


यह बहूत ही गंभीर सवाल बन चूका है के आज का समाज मानव जाती किस तरफ कदम बाधा रहा है...


हर तरफ असान्ति ही असान्ति है ...आज पूरा विश्व के सामने ऐसे बहुत से सवाल मुह बाये खड़ा है ....और इस का जवाब धुंध रहा है पैर जवाब नहीं मिल पा रहा है ..................