Monday, January 24, 2011



जाती हुई ठण्ड ने अपना रंग दिखा ही दिया घर में किसी  को जुकाम तो किसी को बुखार तो जैसे आम बात हो गई है ....कल रात को जैसे ही घर पंहुचा तो अरमान को अपने माँ की गोद में देखकर ही माथा ठनक गया ... पुचने पर पता चला के उसको तो बुखार और सर्दी ने जकड लिया है .... खाना खाने के बाद फर्स्ट ऐड की बॉक्स से बुखार की गोली और कुछ दवाईयां मैंने अरमान को खिलाई ... रात को उठकर मैंने चेक किया तो बुखार चला गया था ... लेकिन सुबह फिर बुखार आ गया ... खैर रोशन को ये हिदायत देकर के अगर बुखार फिर बढ़ जाए तो डॉक्टर के पास ले जाना और मैं ऑफिस को आ गया ... कुछ लेट हो चूका हूँ आज मैं ... जाम सड़क पे बहुत हो जाता है आजकल ....

Tuesday, January 11, 2011



चलो अच्छा है ठण्ड का मिजाज कुछ नरम हो गया है ... आज कुछ ठण्ड कम है ....सुबह ही सुबह इस बात का एहसास हो गया था ... जैसे ही कैब  वाले का इन्तेजार कर रहा था के सामने से वो आता हुआ दिखाई दिया और मैं बिलकुल समय से पहले ही ऑफिस पहुच चूका हूँ .... वैसे आज बुधवार का दिन है ....और ऑफिस में ढेर सारा काम भी करना है ... वैसे ऑफिस में जल्दी पहुंचना ही सेफ रहता है ... क्योंकि देर से पहुँचने पर सारा काम देर से सुरु होता है ... और ऊपर से बॉस की फटकार सुनाने का खतरा भी बना ही रहता है ... इसलिए मेरी कोशिश हमेशा टाइम से पहले ही पहुँचने की रहती है .... और देखो न ... वैसे आज मेरे बेटे ने कुछ चीजो की फरमाईस नहीं की जाने क्यों  ऐसा लगता है के वो मुझ से नाराज है क्यों  की सरताज को मैंने आज सुबह सुबह ही मम्मी का कहा न मानने की वजह से, उसके गाल में एक हलकी सी चपत जो लगा दी थी ... जाने फिर उसने नास्ता किया के नहीं ... सायद  इसीलिए आज वह मुझसे नाराज है ... पर कोई बात नहीं उसे मनाना  भी मुझे आता है और शाम  को उसे मैं जरूर मना  लूँगा ...