Thursday, December 30, 2010

ये साल २०१० भी बहुत ही जल्द बीत गया ...लेकिन ये साल बहुत सी यादें ऐसी दे गया जो मेरी जिंदगी में पहले कभी नहीं हुआ.. मसलन कुछ ख़ास लोग पराये और कुछ पराये लोग अपने हुए ...खैर जिंदगी की येही सच्चाई  है के जो लोग समय पे काम आ जाए वो ही अपने... और जो लोग समय पे जानबूझ कर काम न आ सके वो अपने होकर भी पराये से कम नहीं होते ...खैर चलिए हम नए साल का गर्म जोशी के साथ स्वागत करें ...ये जो आनेवाला नया साल २०११ है सायद् हमारी जिंदगी में कुछ नयापन लाये ..इसी उम्मीद के साथ हम अपने तमाम पाठको को नए साल का तहे दिल से मुबारक बाद देते है ....

Wednesday, December 29, 2010

 
मेरी माताजी के देहांत के कुछ  ही महीनो  के बाद मेरे बड़े बेटे का जन्म हुआ ...उस समय मेरी श्रीमतीजी मेरे पैत्रिक  स्थान बघाकोल में  ही थी ..और मैं Technocom  दिल्ली में ...लेकिन मुझे फ़ोन के द्वारा यह सुभ समाचार मिल गया ...सुनकर अति प्रसंता हुई मैं अपने बेटे को देखने के लिए लालायीत हो गया ...वो साल सन २००० इश्वी का और फरवरी का महिना था ...दो  तिन महीने बाद छुट्टी लेकर फिर एक बार घर जाने का मौका मिला ..अपने परिवार के साथ कुछ दिन बिताने के बाद पुनः हम सब दिल्ली आ गए ...फिर अपने बड़े बेटे के साथ ख्वाजा जी के दर पे हाजिरी दी उस समय मेरा बेटा अजाज़ (अमन ) येही कोई पांच साल का रहा होगा ...फिर Technocom के अपने साथियों के साथ आगरा तो कभी शिमला तो कभी नैनीताल भी घुमने का मौका मिला .... क्योंकि की हमलोग हर साल कहीं न कहीं घुमने जाते थे .....उन दिनों घुमने का आनंद भी बहुत आता था ....फिर कुछ  साल बीत जाने के बाद अपनी सरीके हयात और अपने छोटे बेटे निजाम के साथ भी अजमेर शरीफ जाने का मौका मिला और ख्वाजा जी के दर पे हाजिरी दी...वाकई बहुत  अच्चा लगा और वैसे भी वो उर्स का वक़्त था ....और फिर कुछ समय के बाद मैंने Technocom को किसी वजह से अलविदा कह दिया और मैं BPO सेक्टर में आ गया ....३-४ साल का वक्त किस तरह से निकल गया इसका तो पता भी न चला ....लेकिन हाँ कुछ खट्टी तो कुछ मीठी यादें जरूर मेरी जिंदगी के साथ जुड़ गयी...जो अच्छी बात रही वो यह की अनुभव बहुत मिला लेकिन  जो बुरी बात रही वो यह की इस काम की वजह से मेरी दोनों कानो को काफी नुक्सान पहुंचा ....और इसी बुरे प्रभाव की वजह से मुझे BPO सेक्टर को अलविदा कह देना पड़ा ...और मार्च २०१० में मैंने एक GCC Approved कंपनी को ज्वाइन कर लिया ...मेरे तीनो ही बेटे बड़े ही चंचल है जिनके साथ घर में या बाहर  जब घुमने जाते है तो खूब आनंद आता है और हस्ते बोलते हुए  समय का पता ही नहीं चल पता के कब वक़्त बीत गया......... .....

Monday, December 27, 2010


और इस प्रकार कई मार्केटिंग कंपनियों में कार्य किया, कुछ साल और बीत गए इन्ही दिनों ( 1996 इश्वी में ) मेरी Marriage हो गयी .... फिर इसके  बाद लास्ट मार्केटिंग की कंपनी जिसका नाम Waves Marketing tha .. जिसने  अब अपना प्रोफाइल बदल लिया ,और साथ ही अपने कंपनी का नाम भी बदल कर Technocom रख लिया ...वहां  पर कार्य करता रहा.....वो साल १९९९ का था जब मैंने एक छोटा सा घर हरियाणा में जैतपुर न्यू दिल्ली, के पास में बनाया ही था ...और रह रहा था ...की मेरी मदर का देहांत हो गया...और इस तरह से मेरी जिंदगी में जैसे गमो का पहार सा टूट पड़ा हो ....मैं मदर की मिटटी में सरिक होने के लिए घर गया ...और फिर उनका चहारम करने के बाद पुनः दिल्ली वापिस हो गया....

Thursday, December 23, 2010


और इस तरह से कई मार्केटिंग कंपनी में बतौर ट्रेनर और मनेजेरिअल पोस्ट पे कार्य किया उन्ही दिनों मेरे पिताजी का देहांत हो गया ....दिल को बहुत सदमा पंहुचा ...लेकीन मैंने हिम्मत से काम लिया ....घर गया उनकी मिटटी में सामिल होने के लिए ....परिवार वालों के साथ अपने गम को हल्का किया .....फिर दिल्ली वापिस हो लिया .....


और फिर इस तरह से जिंदगी के सफ़र में संघर्स की राह में निकल पड़ा......

Monday, December 20, 2010



और इस तरह से इग्नू  का बी ए का प्रथम वर्स  पूरा हुआ और साथ ही आई  टी आई का भी, फिर आई  टी आई को पूरा  करने के लिए मैंने बी ए का पहला भाग पास करने के बाद इसे बिच में ही ड्रॉप कर दिया, और आई टी आई का दूसरा भाग पूरा किया ....चुकी पढ़ाई में अच्छा  करने की वजह से जिल्लेट कंपनी में मुझे Apprentiship के लिए सेलेक्ट कर लिया गया, इसलिए मुझे एक साल और इलेक्ट्रिकल का कोर्से करना पड़ा....इसके बाद फिर मेरी पहली कंपनी में जिसमे नौकरी लगी, वो थी V Automate जो की ओखला में है ...परन्तु पेपर की वजह से वह  नौकरी छूट गई ... और मेरा करियर वही सी मार्केटिंग की तरफ चला गया मेरी पहली कंपनी wwi थी वहां कुछ ख़ास सफलता नहीं मिली तो दूसरी कंपनी Maitini International ज्वाइन किया  ..........

Friday, December 3, 2010


मालवीय नगर में आईटीआई इलेक्ट्रिकल ट्रेड में बमुश्किल प्रवेस मिल गया... इसप्रकार से दोनों क्लास्सेस शुरू हो गई ....आरम्भ में तो कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ा ...परन्तु फिर मानो  जैसे दिनचर्या बन गयी ...दोनों क्लास अटेंड करने की ....रेगुलर कोर्सेस  आईटीआई का कॉरेस्पोंडेंस  इग्नो  का ....लेकिन इतवार और सनिवार इग्नो  की क्लास अटेंड करनी पार्टी थी .....