Friday, May 6, 2011

दो साल के बाद घर जाने का एक सुनहरा मौका मिला मेरे साले साहब की शादी थी ...और घर पे कुछ और भी कुछ जरूरी काम ...बहुत आनंद आया घर पे सभी लोगो से मिलकर ...दिल्ली वापिस आने का दिल ही नहीं कर रहा था ...लेकिन जब दिल्ली वापिस आया जिस जॉब की वजह से वो जॉब तो छुट्टियों की वजह से ही जाती रही ...खैर इन्साल्लाह दूसरी जॉब इससे अच्छी मिलेगी मुझे  पूरी उम्मीद है .....