Monday, June 18, 2018

देश हित

आज हमारा देश एक ऐसे दौर से गुजर रहा है जिसमे अलग अलग पोलिटिकल पार्टीज अपने अलग अलग विचारों के साथ हमारे देस में चुनाव लड़ रहे है।  लेकिन क्या यह जरुरी नहीं के क्या उचित है और क्या अनुचित इस को ध्यान में रख कर सभी लोगों को काम करना चाहिए ? आज जनता के मुद्दे दूर कहीं खो से गए है जैसे मेहगाई , बेरोजगारी , शिक्छा और भाईचारा , और तो और राजनेताओं की जैसे ये आदत सी बन गई है के अगर
सत्ता धारी  पार्टी की सरकार अगर किसी अन्य  राज्य में नहीं है तो उस राज्य को उपेक्छित नजरों से देखना ,

लेकिन कडुआ सच यहीं है के ऐसे हम अपने ही देश को पीछे ढकेल रहे हैं , जबकि होना ये चाहिए की किस पार्टी की सरकार है यह भुला कर देश हित में बिना भेद भाव के सामान रूप से कार्य होना चाहिए. 

Sunday, August 6, 2017

कुछ इंसानो की फितरत




मानव जीवन के लिए पैसा इतना महत्वपूर्ण किरदार निभाता है, की एक परिपक्वा इंसान भी बिन पैसे के अपरिपक्वा नजर आने लगता है दूसरों की निगाहों में , परन्तु वह ये भूल जाता है की जो वो समझ रहा है
शायद वो उसकी नजर में भी उतना ही अपरिपक्वा है जितना वो दूसरों को समझ रहा है।

खैर दुनियां की ये पुराणी आदतों  में  सुमार है की , आदमी अपनी कमियों को नजर अंदाज करके दूसरे इंसान
की कमियों की तरफ ज्यादह धयान देता है और उसे निचा दिखाने  का भरसक प्रयास करता है.

और सबसे मजे की बात तो ये है की, आज कल जो वयक्ति चापलूसी करता है वो हर जगह कामयाब
हो जाता है परन्तु जिसकी चमचा गिरी करता वो ये समझने में भूल कर बैठता है की सच क्या है और
क्या दिखाया जा रहा है.

लेकिन समझदारी तो इसी में है की जो आप के साथ रहकर हमेशा आपको  मख्खन लगाए वो अपना और सिर्फ अपना ही फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा कर रहा है , इससे आपका नुक्सान होने वाला है.

पर सभी ऐसे नहीं होते कुछ लोग समझदार होते है और वो चमचो को समझकर बूझकर  उन्हें मजा चखाने मे देर नहीं लगाते. 

Sunday, August 28, 2016

सर्व धर्म संभाव


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प्यारे दोस्तों आपसबको आनेवाला  हरपल  मुबारक हो , दोस्तों आपसब के साथ आज एक  बहुत ही आवस्यक बिषय पे बात करना चाहता हूँ , जैसा के आप सब को मालुम है के आये दिन  आप सब  को कोई न कोई समाचार अखबार और टेलीविज़न में देखने को मिल जाती है के फलां जगह पर किसी का धर्म परिवर्तन करने का प्रयास किया गया , किसी का धर्म भ्रष्ठ करने का प्रयास किया गया।  लेकिन जहाँ तक मेरा मत है की जबतक कोई व्यक्ति दिल से किसी धर्म को कबुल न करे तबतक उसका धर्म परिवर्तन नहीं हो सकता है। 
और यदि कोई किसी के धर्म को धोखे से भ्रस्ट करने की कोशिश करे तो उस व्यक्ति विशेष का धर्म तो भ्रस्ट नहीं होगा परंतु वह व्यक्ति जरूर पाप का भागी बन जायेगा जिसने जान बूझकर किसी के धर्म को भ्रस्ट करने की कोशिश की , जैसे की किसी व्यक्ति को कोई जहरीली चीज का सेवन करा दे या नशे वाली चीज इत्यादि का सेवन करा दे धोखे से प्रसाद के बहाने किसी और चीज का सेवन करा दे , जिसे लेने के लिए उसका धर्म  इजाजत नहीं देता , तो वह व्यक्ति तो अनजाने में धोखा खा लिया, इसलिए उस व्यक्ति का धर्म भ्रस्ट नहीं होगा , लेकिन अगर कोई व्यक्ति जान बुझकर ऐसा करता है तो यह सभी धर्म के अनुसार  गलत है, लेकिन जो व्यक्ति  किसी के साथ जान बूझकर ऐसा करता है तो इसका पाप उसी व्यक्ति को लगेगा ,



Sunday, June 12, 2016


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दोस्तों बहुत दिनों के बाद मैं एक बार फिर से आप सब के  मुखातिब हुआ हूँ।
वैसे तो जिंदगी में कुछ ख़ास नहीं बदला है लेकिन बदल गई है तो मेरी इससे पहले वाली नौकरी बहरहाल मुझे नौकरी को अलविदा कहना पड़ा क्योंकि dishtv ने अपना ज्यादातर प्रोसेस को आउटसोर्स कर दिया।  फलस्वरूप बहुत से लोगों के साथ मैं भी कुछ दिनों के लिए बेरोजगार हो गया था।  लेकिन एक कंपनी मैंने ज्वाइन किया है अगर सबकुछ अच्छा चलता रहा तो आप सबके साथ फिर मिलूंगा और इसी  तरह से अपने बारे में और भी कुछ इसी  ब्लॉग के माधयम से शेयर करता रहूँगा।  उम्मीद पे दुनिया कायम है इसीलिए जिंदगी के इस सफर को उम्मीदों की नयी उचाईयों तक ले जाने का सपना देखते रहना भी जरूरी है. तो इसी उम्मीद के साथ कभी न ख़त्म होने वाली उम्मीद के साथ जिंदगी को जीते चलते जाना है।  शायद  कभी न कभी कहीं न कहीं कामयाबी तो मिल ही जायेगी. खुदा  हाफ़िज़ 

Thursday, April 7, 2016

बिहार में शराब पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध एक सराहनीय और ऐतिहासिक कदम.

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माननिये मुख्यमंत्री नितीश कुमार जी द्वारा बिहार में शराब पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगाना  एक सराहनीय और ऐतिहासिक कदम है.

वैसे इस कदम से राज्य के राजस्व पर भार तो जरूर पड़ेगा लेकिन एक स्वस्थ समाज के लिए यह एक उचित कदम है. इससे हमारा बिहार न सिर्फ एक अच्छा और परिपक्व राज्य बनेगा परन्तु अपराध पर भी लगाम स्वयं ही लगेगा. क्योंकि ज्यादातर अपराध नशे की हालत में ही होता है और खाश कर घरेलु झगडे.

माननिये नितीश कुमार जी ने जो यह कदम उठाया है इसके परिणाम बहुत ही अच्छे होंगे और हमारा बिहार प्रगति के पथ पर तीब्र गति से अग्रसर होगा.
मुझे पूर्ण बिस्वास है की  देश के बाकी राज्य भी शराब पर पूर्णतः प्रतिबन्ध करने पर विचार विमर्श करेंगे.
इससे हमारा देश शराब मुक्त हो सकेगा। और हमारे देश का समाज स्वस्थ और समृद्ध हो सकेगा .

Monday, June 8, 2015

रमजान का महीना



आने वाला रमजान का महीना सभी को मुबारक !

वैसे तो ये महीना मजहब-ए -इस्लाम के मुताबिक दूसरे महीनो से ज्यादा अफजल माना गया है.
इस महीने में किया गया इबादत और महीनो के इबादत के मुकाबले ज्यादा सवाब देने वाला होता है.
नमाज इबादत का सर्वोत्तम तरीका तो है ही इससे तन और मन दोनों को शांति भी मिलती है
साथ ही नमाज स्वस्थ्य के लिए भी बहुत लाभप्रद है।

नमाज हमारे तन मन को स्वक्छ रखने का एक इस्लामिक एवं वैज्ञानिक तरीका भी है।
कयोकि हर नमाज से पहले वजू करना मतलब शरीर के मुख्या अंगों की अच्छी तरह से सफाई करना होता है.
रमजान के महीने में रखा जाने वाला रोजा भी मानव जीवन के लिए अति आवस्यक है।

कयोकि ये हमें इबादत के साथ ही साथ ये भी सिखाता है की गरीबी के कारण जिस घर में किसी दिन चूल्हा
नहीं जलने के कारण जिन्हे भूखे पेट सोना पड़ता है , वैसे लोगो की मदत करनी चाहिए।

रोजा रखना मात्र भूखे रहने का नाम नहीं है बल्कि सम्पूर्ण रोजा अपने आप में तबतक नहीं होता जबतक पेट के साथ साथ शरीर के अन्य अंगों का रोजे में उतना ही योगदान न हो, जितना की  पेट का।

मशलन आँख का रोजा , मुंह का रोजा ,नाक का रोजा , दिमाग का रोजा ,हाथ का रोजा , पैर का रोजा इत्यादि।
रोजा रखने से हमारे शरीर में जमा अति आवश्यक तत्व संतुलित हो जाता है , और फिर शरीर चुस्त एवं
दुरुस्त रहता है।
दूसरी तरफ चुकी नमाज अपने आप में एक बहुत बड़ा योगा है , अतः प्रतिदिन नमाज पढ़ने वाला वयक्ति संभवतः अधिकाधिक रोगों से मुक्त रहता है.

अतः नमाज अल्लाह की इबादत के साथ साथ हमें एक स्वक्छ एवं रोगमुक्त जीवन जीने की राह दिखलाती है।






Friday, December 19, 2014

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धर्मान्तरण अगर स्वेक्षा से किया गया हो तो उचित है। 
लेकिन अगर धर्मान्तरण छल , कपट ,लालच और जबरन कराया 
गया है तो यह अनुचित , संविधान के विरुद्ध है। साथ ही 
धर्म का अनादर भी कयोकि अगर किसी का धर्म हिन्दू से मुसलमान जबरन 
कराया गया हो तो क्या वो व्यक्ति मस्ज़िद  जाकर दिल से नमाज पढ़  पाएगा ?
बिलकुल नहीं। इसी प्रकार अगर किसी मुसलमान को जबरन  
हिन्दू  बनाया गया हो तो क्या वह व्यक्ति मंदिर जाकर दिल से पूजा 
 करेगा ?  नहीं।