दोस्तों बहुत दिनों के बाद मैं एक बार फिर से आप सब के मुखातिब हुआ हूँ।
वैसे तो जिंदगी में कुछ ख़ास नहीं बदला है लेकिन बदल गई है तो मेरी इससे पहले वाली नौकरी बहरहाल मुझे नौकरी को अलविदा कहना पड़ा क्योंकि dishtv ने अपना ज्यादातर प्रोसेस को आउटसोर्स कर दिया। फलस्वरूप बहुत से लोगों के साथ मैं भी कुछ दिनों के लिए बेरोजगार हो गया था। लेकिन एक कंपनी मैंने ज्वाइन किया है अगर सबकुछ अच्छा चलता रहा तो आप सबके साथ फिर मिलूंगा और इसी तरह से अपने बारे में और भी कुछ इसी ब्लॉग के माधयम से शेयर करता रहूँगा। उम्मीद पे दुनिया कायम है इसीलिए जिंदगी के इस सफर को उम्मीदों की नयी उचाईयों तक ले जाने का सपना देखते रहना भी जरूरी है. तो इसी उम्मीद के साथ कभी न ख़त्म होने वाली उम्मीद के साथ जिंदगी को जीते चलते जाना है। शायद कभी न कभी कहीं न कहीं कामयाबी तो मिल ही जायेगी. खुदा हाफ़िज़
No comments:
Post a Comment