और यदि कोई किसी के धर्म को धोखे से भ्रस्ट करने की कोशिश करे तो उस व्यक्ति विशेष का धर्म तो भ्रस्ट नहीं होगा परंतु वह व्यक्ति जरूर पाप का भागी बन जायेगा जिसने जान बूझकर किसी के धर्म को भ्रस्ट करने की कोशिश की , जैसे की किसी व्यक्ति को कोई जहरीली चीज का सेवन करा दे या नशे वाली चीज इत्यादि का सेवन करा दे धोखे से प्रसाद के बहाने किसी और चीज का सेवन करा दे , जिसे लेने के लिए उसका धर्म इजाजत नहीं देता , तो वह व्यक्ति तो अनजाने में धोखा खा लिया, इसलिए उस व्यक्ति का धर्म भ्रस्ट नहीं होगा , लेकिन अगर कोई व्यक्ति जान बुझकर ऐसा करता है तो यह सभी धर्म के अनुसार गलत है, लेकिन जो व्यक्ति किसी के साथ जान बूझकर ऐसा करता है तो इसका पाप उसी व्यक्ति को लगेगा ,
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