२२ अप्रैल २०१४ को मेरी जिंदगी में एक ऐसा लम्हा आया के मैं उसे
जिंदगी भर नहीं भूल पाउँगा।
दरअसल मैं जिस कैब में बैठकर
ऑफिस जा रहा था उसका एक्सीडेंट हो गया। अल्लाह का लाख लाख शुक्र है के हम सब जो उस कैब में बैठे थे बाल -बाल बच गए।
हाँ ये अलग बात है के थोड़ी बहुत चोटें तो हम सभी को आयीं थी।
जिंदगी भर नहीं भूल पाउँगा।
दरअसल मैं जिस कैब में बैठकर
ऑफिस जा रहा था उसका एक्सीडेंट हो गया। अल्लाह का लाख लाख शुक्र है के हम सब जो उस कैब में बैठे थे बाल -बाल बच गए।
हाँ ये अलग बात है के थोड़ी बहुत चोटें तो हम सभी को आयीं थी।
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