Friday, May 2, 2014

 २२ अप्रैल २०१४ को मेरी जिंदगी    में एक ऐसा लम्हा आया के मैं उसे
जिंदगी  भर नहीं भूल पाउँगा।

दरअसल मैं जिस कैब में बैठकर
ऑफिस जा रहा था उसका एक्सीडेंट हो गया। अल्लाह का लाख लाख शुक्र है के हम सब जो उस कैब में बैठे थे बाल -बाल बच गए।
हाँ ये अलग बात है के थोड़ी बहुत चोटें तो हम सभी को आयीं थी। 

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