इस तरह से हमारी दोस्ती आगे बढती गयी और फिर वो दिन भी सामने आया .....जिसके बारे में हमने सोचा भी न था ......हमारी आई. एस सी की पढाई पूरी हुई मैं ने परीक्षा पास कर लिया और रवि ने भी .....लेकिन रवि उसी कॉलेज में आगे की पढ़ाई करता रहा .... परन्तु मेरे परिवार वालों ने मुझे आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली भेजना ठीक समझा और मैं सन १९८९ इश्वी में दिल्ली आ गया ..........और हमारे न चाहने के बावजूद हमें एक दुसरे से जुदा होना पड़ा .....
Anand Pandey ji comments ke liye dhanyawaad...kripya kabhi kabhi kuch alag se bhi comments diya karein .. dhanyawaad.
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