मेरी बड़ी बहन इतनी मतलब परस्त होगी मैंने तो कभी सोंचा भी न था ...
अम्मी के चहारम के ठीक कल होकर , घर की जमीन की बटवारे के लिए गाँव के पंचो को जमा कर लिया ....और गलत तरीके से बटवारा करवा दिया ...इस कामको अंजाम देने में ग्यास भैया ने बड़ी बहन का साथ दिया ....बटवारे के मुताबिक बड़ी बहन ने अपने हिस्से की जमीन छोटी बहन ( स्वर्गीय हलीमा ) की बेटी लाडली को देने का वायदा किया , जिसका जिक्र पंचनामा में है ....
लेकिन बटवारा हो जाने के बाद लाडली ( विकलांग ) को उसका हिस्सा देना तो दूर और उसके हिस्से की जमीन को अपने कब्जे में कर रखा है .....
एक दो बार लाडली अपने सौहर को लेकर बघाकोल आई
और अपने हिस्से की जमीन वापिस मांगनी चाही , लेकिन उसकी
एक न सुनी गयी कयोंकि ग्यास भाई और हमीदा बाजी दोनों की आपस में मिली भगत थी .....
13 साल से उस जमीन में गलत तरीके से हमीदा बाजी ( एक मतलब परस्त और लालची औरत )
कब्ज़ा जमाये बैठी है ....
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