एक बात तो काबिले यकीं है के जब जब निजामुद्दीन औलिया के दरगाह पे जाता हूँ ....बहूत
सुकून मिलता है ....और साथ ही उनकी चौखट पे आने वालों का हौसला भी देखते बनता है .....
इस चिलचिलाती हुई गर्मी में लोगो की भीड़ देखकर बहूत खुसी मिली ...
मेरे जैसे बहुत सारे जायरीन आये हुए थे .....निजामुद्दीन औलिया के दरगाह पर जियारत करने के
बाद और कहीं जाने को दिल नहीं किया ....सो रोशन ने कहा चलिए अब घर चले .....इसलिए कुछ खाने पिने के बाद
हम सीधे घर चले आये ...
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