कॉलेज में क्लास अभी लगने शुरू नहीं हुए थे सो मैंने एक नौकरी के लिए जो की बिहार सरकार ने उस समय निकली थी आवेदन कर दिया .......उसके परीक्षा के लिए कॉल लैटर मेरे पास आ गया ... सो मैं तयार होकर सिवान जाने के लिए उतावला हो गया ..... अपने मम्मी पापा के सहयोग से मैं जाने के लिए तैयार होकर बस स्टॉप पर गया .....वहां मेरे साथी क्रिस्नंदन जी मिले और उन्होंने भी मुझे परीक्षा में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया .....और यही नहीं वो अपने काम से पटना जा रहे थे अतः मुझे भी हार्डिंग पार्क पटना तक साथ लगाये .... उस समय उनकी ट्रांसपोर्टरोंन से अच्छी जान पहचान थी .... इसलिए सिवान जाने वाली बस में मुझे बिठाकर वहां से क्रिश्नंदन जी अपने गंतव्य की ओरे चले गए.............
Friday, October 22, 2010
कॉलेज में क्लास अभी लगने शुरू नहीं हुए थे सो मैंने एक नौकरी के लिए जो की बिहार सरकार ने उस समय निकली थी आवेदन कर दिया .......उसके परीक्षा के लिए कॉल लैटर मेरे पास आ गया ... सो मैं तयार होकर सिवान जाने के लिए उतावला हो गया ..... अपने मम्मी पापा के सहयोग से मैं जाने के लिए तैयार होकर बस स्टॉप पर गया .....वहां मेरे साथी क्रिस्नंदन जी मिले और उन्होंने भी मुझे परीक्षा में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया .....और यही नहीं वो अपने काम से पटना जा रहे थे अतः मुझे भी हार्डिंग पार्क पटना तक साथ लगाये .... उस समय उनकी ट्रांसपोर्टरोंन से अच्छी जान पहचान थी .... इसलिए सिवान जाने वाली बस में मुझे बिठाकर वहां से क्रिश्नंदन जी अपने गंतव्य की ओरे चले गए.............
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