Sunday, October 24, 2010


बस में जैसे ही अपनी सिट पे बैठा था के मेरी सिट के पास आकर एक सज्जन खड़े हो गए .... कुछ देर तक तो खामोश मैं भी रहा और वो भी परन्तु बस ने जैसे ही कुछ दुरी तय कर लिथि के मेरी सीट पे ही बगल वाली सीट खली हो गयी और वो बैठ गए....... फिर कुछ देर के बाद उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी और मुझ से पुच बैठे .... आप कहाँ तक जावोगे ? ..... मैंने जवाब दिया मुझे सिवान जाना है .... मुझे एक प्रतियोगिता में भाग लेना है.......
फिर उन्होंने मुझ से विस्तार में मेरे बारे में जानकारी लेने लगे .......मैं एक पल को खामोश हो गया और सोंचने लगा ये मेरे बारे में इतना सबकुछ क्यों जानना चाहते हैं ? .....और वो भी एक अजनबी इन्शान जिसके बारे में मैं तो कुछ भी नहीं जनता....
इस तरह से मुझे खामोश देखकर उन्होंने मेरी चुप्पी तोड़ी और मुझसे पूछने लगे .....आप इतने खामोश कों बैठे हैं ?....................

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