चारो तरफ हरियाली छाई हुई थी....खेत के पगडण्डी पे मैं दौड़ रहा था, तब मेरी उम्र यही कोई ७ साल की रही होगी ....मैं हाल्फ पैंट में ही था... लेकिन दिल में बहुत सरे ख्वाब सजाये हुए... अपने गाँव की ताज़ी हवाओं का आनंद ले रहा था .......फिर कुछ देर के बाद घर आ कर चुप चाप बैठ गया .....मेरी दिनचर्या उस समय कुछ ख़ास तो नहीं थी ....परन्तु कुछ पढ़ना लिखना ...खेलना कूदना और खा पि कर रात को निंदभर सो जाना....इस तरह से वक़्त निकलता गया.... मैं गाँव के स्कूल से पास होकर ....पास ही गाँव के ...पक्की पर ( शिव पुर ) मिडल स्कूल में डाल दिया गया .......उसके बाद फिर बघाकोल हाई स्कूल में मेरा दाखिला हो गया .....और आगे की पढ़ाई लिखाई शुरू हो गई ..............................
Wednesday, October 20, 2010
चारो तरफ हरियाली छाई हुई थी....खेत के पगडण्डी पे मैं दौड़ रहा था, तब मेरी उम्र यही कोई ७ साल की रही होगी ....मैं हाल्फ पैंट में ही था... लेकिन दिल में बहुत सरे ख्वाब सजाये हुए... अपने गाँव की ताज़ी हवाओं का आनंद ले रहा था .......फिर कुछ देर के बाद घर आ कर चुप चाप बैठ गया .....मेरी दिनचर्या उस समय कुछ ख़ास तो नहीं थी ....परन्तु कुछ पढ़ना लिखना ...खेलना कूदना और खा पि कर रात को निंदभर सो जाना....इस तरह से वक़्त निकलता गया.... मैं गाँव के स्कूल से पास होकर ....पास ही गाँव के ...पक्की पर ( शिव पुर ) मिडल स्कूल में डाल दिया गया .......उसके बाद फिर बघाकोल हाई स्कूल में मेरा दाखिला हो गया .....और आगे की पढ़ाई लिखाई शुरू हो गई ..............................
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