Wednesday, October 27, 2010



मैंने पूछा वो किसलिए ? तो उन्होंने बड़े ही खुशमिजाजी लहजे में कहा... आप मेरे मेहमान होंगे और मैं आपको सिवान के ऐतिहस्सिक स्थलों का दर्शन कराये बगैर कैसे जाने दे सकता हूँ ? ...... इसतरह से बात चित का सिलसिला चलता रहा ..... और हुमदोनो सिवान पहुचकर बस से उतारकर रिक्शा पे बैठ कर विश्वम्भर नाथ जी के घर की तरफ अग्रसर हो गए......

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